DA Hike: केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए एक बड़ा तोहफा दिया है। मोदी सरकार ने महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) में 4% की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2024 से लागू होगी। इस फैसले से लगभग 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनरों को सीधा फायदा मिलेगा।
यह बढ़ोतरी कर्मचारियों की जेब में अतिरिक्त पैसे लाएगी और उनकी क्रय शक्ति को बढ़ाएगी। महंगाई के इस दौर में यह निर्णय कर्मचारियों के लिए राहत की सांस साबित होगा। आइए इस बढ़ोतरी के बारे में विस्तार से जानें।
महंगाई भत्ता (DA) क्या है?
महंगाई भत्ता या DA सरकारी कर्मचारियों को दिया जाने वाला एक अतिरिक्त भत्ता है। इसका मुख्य उद्देश्य महंगाई के कारण कर्मचारियों की आय में कमी की भरपाई करना है। DA की गणना कर्मचारी के मूल वेतन के प्रतिशत के रूप में की जाती है।
DA की गणना All India Consumer Price Index (Industrial Workers) यानि AICPI-IW के आधार पर की जाती है। यह इंडेक्स श्रम मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है और इसमें खाद्य पदार्थों, कपड़ों, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं आदि की कीमतों में बदलाव को शामिल किया जाता है।
DA की गणना का फॉर्मूला
DA की गणना के लिए निम्न फॉर्मूला इस्तेमाल किया जाता है:
DA% = {(वर्तमान AICPI – मूल AICPI) / मूल AICPI} x 100
जहां:
- वर्तमान AICPI = मौजूदा समय का AICPI स्कोर
- मूल AICPI = 7वें वेतन आयोग के अनुसार 261 (2016 के लिए)
मौजूदा DA बढ़ोतरी की मुख्य बातें
- DA में 4% की बढ़ोतरी की गई है
- नया DA रेट 50% से बढ़कर 54% हो गया है
- यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2024 से लागू होगी
- इससे लगभग 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा
- 68 लाख पेंशनरों को भी इसका लाभ मिलेगा
- कर्मचारियों की सैलरी में 720 रुपये से लेकर 34,000 रुपये तक का इजाफा होगा
DA बढ़ोतरी का कर्मचारियों पर प्रभाव
इस DA बढ़ोतरी का कर्मचारियों की सैलरी पर सीधा असर पड़ेगा। आइए एक उदाहरण से समझते हैं:
मान लीजिए एक कर्मचारी का मूल वेतन 18,000 रुपये है। पहले उसे 50% DA मिल रहा था, जो अब बढ़कर 54% हो गया है।
- पुराना DA: 18,000 x 50% = 9,000 रुपये
- नया DA: 18,000 x 54% = 9,720 रुपये
- अंतर: 9,720 – 9,000 = 720 रुपये
इस प्रकार इस कर्मचारी की मासिक सैलरी में 720 रुपये का इजाफा होगा।
विभिन्न वेतन स्तरों पर DA बढ़ोतरी का प्रभाव
मूल वेतन | पुराना DA (50%) | नया DA (54%) | मासिक वृद्धि |
18,000 | 9,000 | 9,720 | 720 |
50,000 | 25,000 | 27,000 | 2,000 |
1,00,000 | 50,000 | 54,000 | 4,000 |
2,50,000 | 1,25,000 | 1,35,000 | 10,000 |
DA बढ़ोतरी के फायदे
- कर्मचारियों की आय में वृद्धि
- महंगाई से राहत
- क्रय शक्ति में बढ़ोतरी
- जीवन स्तर में सुधार
- अर्थव्यवस्था को गति (खर्च बढ़ने से)
DA बढ़ोतरी का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
DA में बढ़ोतरी का सिर्फ कर्मचारियों पर ही नहीं, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है:
- बाजार में मांग बढ़ेगी
- उत्पादन और बिक्री में वृद्धि होगी
- रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे
- सरकार के टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी होगी
- अर्थव्यवस्था की समग्र वृद्धि दर में सुधार होगा
DA बढ़ोतरी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- DA बढ़ोतरी साल में दो बार की जाती है – जनवरी और जुलाई में
- DA का भुगतान रिटायरमेंट बेनिफिट्स की गणना में भी शामिल किया जाता है
- DA टैक्स फ्री नहीं होता, इस पर आयकर देना पड़ता है
- DA में बढ़ोतरी से HRA, TA जैसे अन्य भत्तों में भी वृद्धि होती है
- DA केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों द्वारा भी दिया जाता है
DA और अन्य भत्तों में अंतर
DA के अलावा कर्मचारियों को कई अन्य भत्ते भी मिलते हैं। आइए इनके बीच अंतर समझें:
- मकान किराया भत्ता (HRA): यह कर्मचारी के आवास खर्च की भरपाई के लिए दिया जाता है।
- यात्रा भत्ता (TA): यह कर्मचारी के आधिकारिक यात्रा खर्च की प्रतिपूर्ति के लिए होता है।
- महंगाई भत्ता (DA): यह महंगाई के कारण आय में कमी की भरपाई के लिए दिया जाता है।
- शहर प्रतिपूरक भत्ता (CCA): यह बड़े शहरों में रहने वाले कर्मचारियों को अतिरिक्त खर्च की भरपाई के लिए दिया जाता है।
DA बढ़ोतरी का इतिहास
DA की शुरुआत 1944 में हुई थी। तब से अब तक इसमें कई बदलाव हुए हैं:
- 1944: DA की शुरुआत
- 1960: DA की गणना के लिए AICPI का इस्तेमाल शुरू
- 1996: 5वां वेतन आयोग – DA 97% तक पहुंचा
- 2006: 6ठा वेतन आयोग – DA 125% तक पहुंचा
- 2016: 7वां वेतन आयोग – DA की गणना का नया फॉर्मूला लागू