E Sim Scam: मोबाइल फोन की दुनिया में एक नया खतरा सामने आया है – E-SIM स्कैम। यह एक ऐसा धोखा है जो आपके फोन और बैंक खाते को निशाना बना सकता है। हाल ही में कई लोग इस स्कैम का शिकार हुए हैं और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
E-SIM यानी इलेक्ट्रॉनिक SIM एक नई तकनीक है जो फोन में फिजिकल SIM कार्ड की जगह ले रही है। लेकिन धोखेबाज इसका गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। वे फोन यूजर्स को फोन या मैसेज करके E-SIM अपडेट करने के नाम पर उनकी जानकारी चुरा लेते हैं। फिर इस जानकारी का इस्तेमाल करके वे लोगों के बैंक खातों से पैसे निकाल लेते हैं।
इस लेख में हम आपको E-SIM स्कैम के बारे में विस्तार से बताएंगे। साथ ही यह भी जानेंगे कि इससे कैसे बचा जा सकता है। अगर आप मोबाइल फोन इस्तेमाल करते हैं तो यह जानकारी आपके लिए बहुत जरूरी है।
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E-SIM क्या है और यह कैसे काम करता है?
E-SIM यानी इम्बेडेड SIM एक छोटा चिप होता है जो फोन में पहले से लगा होता है। इसमें आप अपने मोबाइल नंबर और प्लान को एक्टिवेट कर सकते हैं। इसके लिए फिजिकल SIM कार्ड की जरूरत नहीं होती। E-SIM के कुछ फायदे हैं:
- फोन में अलग से SIM स्लॉट की जरूरत नहीं होती
- एक फोन में कई नंबर एक्टिवेट किए जा सकते हैं
- विदेश जाने पर आसानी से लोकल नंबर लिया जा सकता है
- SIM कार्ड खोने या खराब होने का डर नहीं रहता
लेकिन E-SIM की यही खूबियां इसे हैकर्स और धोखेबाजों के लिए आकर्षक बना देती हैं। वे इसका गलत इस्तेमाल करके लोगों को धोखा दे सकते हैं।
E-SIM Scam कैसे काम करता है?
E-SIM स्कैम में धोखेबाज अक्सर इन तरीकों का इस्तेमाल करते हैं:
- फर्जी कॉल: वे टेलीकॉम कंपनी के कस्टमर केयर अधिकारी बनकर फोन करते हैं।
- E-SIM अपडेट का झांसा: वे कहते हैं कि आपका E-SIM अपडेट करना जरूरी है।
- OTP या QR कोड मांगना: वे आपसे OTP या QR कोड शेयर करने को कहते हैं।
- रिमोट एक्सेस: कभी-कभी वे आपके फोन की रिमोट एक्सेस मांगते हैं।
- फर्जी ऐप: वे आपको कोई फर्जी ऐप डाउनलोड करने को कह सकते हैं।
जब आप उनकी बातों में आ जाते हैं, तो वे आपके फोन नंबर को अपने कंट्रोल में ले लेते हैं। फिर वे आपके बैंक खातों और दूसरे ऐप्स तक पहुंच जाते हैं। इसके बाद वे आपके खाते से पैसे निकाल लेते हैं या अन्य फ्रॉड कर सकते हैं।
E-SIM स्कैम के खतरनाक परिणाम
- आर्थिक नुकसान: आपके बैंक खाते से बड़ी रकम निकाली जा सकती है।
- डेटा चोरी: आपकी निजी जानकारी चुराई जा सकती है।
- पहचान की चोरी: आपकी पहचान का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है।
- सोशल मीडिया हैक: आपके सोशल मीडिया अकाउंट हैक किए जा सकते हैं।
- क्रेडिट स्कोर प्रभावित: अनजाने में लिए गए लोन से क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है।
E-SIM स्कैम के वास्तविक उदाहरण
हाल ही में कई लोग E-SIM स्कैम का शिकार हुए हैं। कुछ प्रमुख मामले:
- नोएडा की महिला का केस:
- 44 साल की महिला को E-SIM अपडेट के नाम पर फोन आया
- उसने OTP शेयर कर दिया और फोन नंबर हैक हो गया
- 27 लाख रुपये का नुकसान हुआ
- हैदराबाद के व्यक्ति का केस:
- WhatsApp पर लिंक भेजकर मैलवेयर इंस्टॉल करवाया गया
- E-SIM एक्टिवेट करके फोन नंबर हैक किया गया
- 1 लाख रुपये से ज्यादा का फ्रॉड हुआ
- मुंबई के बिजनेसमैन का केस:
- फर्जी कस्टमर केयर कॉल से E-SIM अपडेट करवाया गया
- बैंक खाते से 15 लाख रुपये निकाल लिए गए
E-SIM स्कैम से बचने के उपाय
- अनजान कॉल्स पर भरोसा न करें:
- टेलीकॉम कंपनी के नाम पर आने वाली कॉल्स पर शक करें
- खुद कंपनी के ऑफिशियल नंबर पर कॉल करके पुष्टि करें
- OTP या पासवर्ड कभी शेयर न करें:
- कोई भी OTP या पासवर्ड किसी से शेयर न करें
- कंपनियां कभी फोन पर OTP नहीं मांगतीं
- अपने फोन की रिमोट एक्सेस न दें:
- किसी को भी अपने फोन की रिमोट एक्सेस न दें
- ऐसा करने से वे आपके फोन को कंट्रोल कर सकते हैं
- अनजान लिंक्स या ऐप्स से बचें:
- WhatsApp या SMS पर आए लिंक्स पर क्लिक न करें
- अनजान ऐप्स डाउनलोड न करें
- दो-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें:
- अपने सभी अकाउंट्स में दो-फैक्टर ऑथेंटिकेशन लगाएं
- इससे हैकर्स के लिए अकाउंट हैक करना मुश्किल होगा
- नियमित रूप से अपडेट्स चेक करें:
- अपने फोन और ऐप्स को नियमित अपडेट करते रहें
- इससे सुरक्षा में सुधार होता है
- बैंक और टेलीकॉम कंपनी को तुरंत सूचित करें:
- कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत बैंक और टेलीकॉम कंपनी को बताएं
- जल्दी कार्रवाई से नुकसान कम किया जा सकता है